Wednesday, July 23, 2008

करीब

पास हुए की बहुत दूर हो गए
खास हुए की बहुत रोज हो गए

कब कही थी कभी दिल की बात हमसे
कभी चुभी तब यूँ ही कही बात ... कबसे
कभी बहुत थे खुश कभी ग़मगीन हो गए

न चंद राहें आम सी होती
न चंद आहें राज की होती
कभी जो हम थे गुम और कभी मशहूर हो गए

किनारों पर खड़े देखने की आदत न थी
इक लहर से जो लड़े तो चूर हो रहे

3 comments:

Advocate Rashmi saurana said...

न चंद राहें आम सी होती
न चंद आहें राज की होती
very nice. sundar rachana ke liye badhai. likhti rhe.

Udan Tashtari said...

नियमित लिखें. शुभकामनाऐँ.

nehasaraswt said...

Dhanyawad...